हिंसा के बीच बहन के निकाह के लिए हिन्दू भाइयों ने बनाया सुरक्षा कवच.
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जहां प्रदर्शनकारियों के बीच में कुछ उपद्रवी कानपुर की सड़कों पर हिंसा कर रहे थे, वहीं शहर के बाबू पुरवा में एक बेटी का निकाह होना था। स्थिति कुछ ऐसी बनी कि दूल्हा पक्ष ने बारात लेकर आने से इंकार कर दिया।

दरअसल, इसकी मुख्य वजह कानपुर में भड़की हिंसा थी, लेकिन इसी बीच कुछ ऐसा हुआ सबकी जुबां पर सिर्फ एक ही बात थी कि यह है असली कानपुर और यही है इस शहर की पहचान। हिंसा के दौरान कानपुर की बेटी का निकाह कराने के लिए दूसरे धर्म के लोग सड़कों पर निकल आए और बारातियों को यकीन दिलाया कि उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी अब हमारी है।

 

बारात पहुंचने पर सभी ने एक सुरक्षा के घेरे में बारातियों को रखते हुए कानपुर की बेटी का निकाह अच्छे ढंग से संपन्न कराया। यह देख मौके पर मौजूद कुछ लोगों की आंखें भर आईं। सभी कहने लगे कि यह है कानपुर की असली पहचान।

 

मिली जानकारी के अनुसार कानपुर में बाकरगंज निवासी खान परिवार की बेटी जीनत की शादी की तैयारियां हो रही थीं, लेकिन नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में कानपुर भी 20 दिसंबर को हिंसा की आग में जल उठा। जीनत के परिजनों के साथ ही ससुराल के लोग भी परेशान हो गए।