महाराष्ट्र में महीने भर लंबी राजनीतिक रस्साकशी के बाद आख़िरकार सरकार का गठन हो गया है. नई सरकार के घटक दलों एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस ने विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर दिया है. ऐसे में ये कहा जा सकता है कि नई सरकार ने अपना काम करना शुरू कर दिया है. लेकिन किसी भी गठबंधन सरकार को चलाना दो खंबों के बीच बंधी रस्सी पर चलने जैसा काम होता है. ऐसा करना तब और ज़्यादा मुश्किल हो जाता है जब गठबंधन के घटक दलों के बीच किसी तरह की वैचारिक सहमति का अभाव हो.

बेटे ने पिता से फोन पर कहा कि पापा बहुत डर लग रहा है। फैक्ट्री में आग लग गई है। बचना मुश्किल लग रहा है। हमें बचा लो। जवाब में पिता ने कहा, 'चिंता मत करो, अल्लाह पर भरोसा रखो।'



नई दिल्ली
'पापा बहुत डर लग रहा है। फैक्ट्री में आग लग गई है। बचना मुश्किल लग रहा है। हमें बचा लो।' जवाब में पिता ने कहा, चिंता मत करो, अल्लाह पर भरोसा रखो। बेटे और पिता के बीच इतनी ही बात हो पाई थी कि फोन कट गया। पिता हेलो...हेलो...बोलते रहे, लेकिन उन्हें बेटे से कोई जवाब नहीं मिला। दिल्ली में मौत की फैक्ट्री में काम करने वाले मोहम्मद इमरान का मुरादाबाद में रहने वाले अपने पिता को यह अंतिम कॉल थी। इस अग्निकांड में वह बच ना सके।