मध्यप्रदेश में पारम्परिक ऊर्जा उत्पादन के साथ ही नवकरणीय ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोतों से ऊर्जा उत्पादन के प्रयासों को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। इस क्षेत्र में नित नये नवाचार भी किये जा रहे हैं। बीते एक वर्ष में प्रदेश में ग्रिड कनेक्टेड और ऑफ ग्रिड परियोजनाओं ने आकार लिया है। इस समय प्रदेश में सौर, पवन, बायोमास, लघु जल विद्युत परियोजनाओं से कुल 668.64 मेगावाट विद्युत उत्पादन किया जा रहा है। प्रदेश में तीन नए सोलर पार्क भी विकसित किए जा रहे हैं। नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में देश में मिसाल कायम करने की दिशा में मध्यप्रदेश निरंतर आगे बढ़ रहा है।
प्रदेश की बंजर भूमि पर नवकरणीय ऊर्जा प्लांट लगाने की योजना शुरू की गई है। रीवा और मंदसौर परियोजना स्थल भी पूर्व में बंजर भूमि के कारण जाने जाते थे। आगर, शाजापुर, नीमच सोलर पार्क के लिए भी बंजर भूमि का ही चयन किया गया है। रेस्को निविदाओं में छोटे निवेशकों को हिस्सेदारी के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। नवम्बर 2018 तक प्रदेश में सौर ऊर्जा से 1537 मेगावाट बिजली मिल रही थी, जो इस साल बढ़कर करीब 2200 मेगावाट हो गई है। बायोमास ऊर्जा उत्पादन में भी 92.55 मेगावाट को बढ़ाकर 116.35 मेगावाट करने में सफलता मिली है। नवम्बर-2018 तक 14 हजार सोलर पम्प थे, पिछले एक साल में ये बढ़कर 18 हजार हो गए हैं।