ये चार दल बना बिगाड़ सकते हैं राज्यसभा में नागरिकता बिल पर सरकार का नंबरगेम

लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक को पास कराना आसान है, लेकिन मोदी सरकार की असल चुनौती राज्यसभा में होनी है. हालांकि जेडीयू, टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस और शिवसेना ऐसे दल हैं, जिनके रुख पर बहुत कुछ निर्भर करेगा.




  • मोदी सरकार नागरिकता संशोधन विधेयक करेगी पेश

  • लोकसभा में आसान लेकिन राज्यसभा में होगी चुनौती

  • जेडीयू, YSR, TRS और शिवसेना के रुख अहम हैं


मोदी सरकार नागरिकता संशोधन विधेयक को आज लोकसभा में पेश करेगी. नागरिकता संशोधन विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदाय को भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव है. इस विधेयक से मुस्लिम समुदाय को बाहर रखा गाया है. विपक्ष के तमाम दल विरोध कर रहे हैं. लोकसभा में बीजेपी के पास बहुमत का आकंड़ा है. ऐसे में लोकसभा में विधेयक को पास कराना आसान है, लेकिन मोदी सरकार की असल चुनौती राज्यसभा में होनी है. हालांकि जेडीयू, टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस और शिवसेना ऐसे दल हैं, जिनके रुख पर बहुत कुछ निर्भर करेगा.


लोकसभा में बीजेपी के पास बहुमत का आंकड़ा है, जबकि राज्यसभा में एनडीए के पास बहुमत नहीं है. ऐसे में मोदी सरकार को नागरिकता संशोधन विधेयक को पास कराने के लिए दूसरे दलों के सहयोग की दरकार होगी. हालांकि पिछले दो सालों में बीजेपी और एनडीए की ताकत राज्यसभा में बेहतर हुई है. इसके अलावा विपक्षी दलों की ओर से बीजेडी और एआइएडीएमके जैसे दल नागरिकता संशोधन बिल पर मोदी सरकार को समर्थन कर सकते हैं.


बता दें कि राज्यसभा में फिलहाल सदस्यों की कुल संख्या 239 है. मतलब ये कि अगर सदन के सभी सदस्य मतदान करें तो बहुमत के लिए 120 वोट की जरूरत पड़ेगी. अगर एनडीए के साथ उन दलों की बात करें जो एनडीए का सहयोग कर सकते हैं तो उनकी संभावित संख्या 114 बनती है. इनमें बीजेपी के 83, बीजेडी के 7, एआइएडीएमके के 11 और अकाली दल के 3 सदस्य शामिल हैं.