सरकार ने स्वयं सुनिश्चित की सामाजिक सरोकारों में भागीदारी

प्रदेश की नई सरकार ने आम आदमी की समस्याओं को प्राथमिकता देकर राजनीति में सामाजिक सोच के महत्व को स्थापित किया है। अब प्रदेश में सामाजिक सरोकरों के प्रति संवेदनशीलता का वातावरण निर्मित हुआ है। नई सरकार ने समाज के गरीब, कमजोर, निर्धन, निराश्रित, वरिष्ठजन और दिव्यांगों की आवश्यकताओं को समझते हुए सामाजिक सुरक्षा के दायरे को व्यापक आकार दिया है। सहायता राशि में बढ़ोत्तरी प्रदेश के बुर्जुगों, कल्याणियों और दिव्यांगों की आर्थिक आवश्यकताओं को समझते हुए सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि को दो गुना बढ़ाकर 300 से 600 रूपये प्रतिमाह कर दिया है। इसी प्रकार, बेटियों के विवाह के खर्च की चिंता में सहभागी होते हुए सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना में सरकारी सहायता को 28 हजार से बढ़ाकर 51 हजार रूपये कर दिया है। इस आर्थिक सहायता के लिए आय-सीमा के बधंन को भी समाप्त कर दिया गया है।   प्रदेश की नई सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना को कन्या हितैषी आकार भी दिया है। अब बेटियों की शादी में कुल सहायता राशि में से गृहस्थी की स्थापना के लिए 48 हजार रूपये उसके खाते में जमा कराकर दिये जाते हैं और सामूहिक विवाह आयोजित करने के लिए अधिकृत निकाय को 3 हजार रूपये प्रति बेटी के मान से धनराशि उपलब्ध कराई जाती है।  आदिवासी अचंलों में जन-जातियों में प्रचलित विविध प्रथाओं के तहत होने वाले विवाह, चाहे वह सामूहिक हो अथवा एकल हो, के लिये भी विवाह सहायता राशि उपलब्ध करायी जा रही है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में वर्ष 2019 में 37 हजार 286 हितग्राहियों को 190 करोड़ 15 लाख 84 हजार रुपये उपलब्ध कराये गये। इसी प्रकार मुख्यमंत्री निकाह योजना में 1605 हितग्राही लाभान्वित हुए।