- स्पीकर के अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी
- स्पीकर के अधिकार पर विचार करे संसद
- अयोग्यता से जुड़ी याचिकाओं के लिए ट्रिब्यूनल का सुझाव
सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर के अधिकारों को परिभाषित करते हुए एक ऐतिहासिक फैसला दिया है. अदालत ने संसद से इस बारे में विचार करने का आग्रह किया है कि स्पीकर जो खुद ही किसी पार्टी के सदस्य होते हैं, क्या उन्हें MP/MLA की अयोग्यता पर फैसला लेना चाहिए?
अयोग्यता पर फैसला लेने के लिए हो ट्रिब्यूनल का गठन
मंगलवार को अदालत ने कहा कि संसद इस बारे में विचार कर सकती है कि लोकसभा या विधानसभा के स्पीकर को विधायकों और सांसदों को अयोग्य ठहराए जाने वालों मामलों से अलग रखा जाए और इस बावत संविधान में जरूरी बदलाव किया जाए.
अदालत ने कहा है कि विधायकों और सांसदों की अयोग्यता पर फैसला लेने के लिए एक स्थायी ट्रिब्यूनल का गठन किया जा सकता है और सुप्रीम कोर्ट के सेवा निवृत जज, या हाई कोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस इसकी अध्यक्षता कर सकते हैं, या फिर एक ऐसी व्यवस्था की जाए जो निष्पक्ष हो.