निर्भया रेप कांड के चारों दोषियों को शुक्रवार सुबह फांसी दे दी गई. फांसी को टालने के लिए दोषियों के वकील की तरफ से हर तरह के हथकंडे अपनाए गए. गुरुवार शाम को पटियाला हाउस कोर्ट से शुरू हुआ सिलसिला शुक्रवार सुबह तिहाड़ के फांसी घर में जाकर थमा.
- निर्भया के चारों दोषियों को फांसी दी गई
- शुक्रवार सुबह 5.30 बजे दी गई फांसी
- रातभर अदालत में चलती रही थी सुनवाई
दिल्ली के दिल में सात साल पहले जिस निर्भया के साथ दरिंदगी हुई थी, उसे आज इंसाफ मिल गया है. निर्भया भले ही इस पल को देखने के लिए इस दुनिया में ना हो लेकिन देश की करोड़ों बेटियां इस खुद को मिले इंसाफ के तौर पर देख रही हैं. शुक्रवार सुबह 5.30 बजे तिहाड़ जेल में निर्भया के चारों दोषियों को फांसी के फंदे पर लटका दिया गया. लेकिन इससे पिछली रात दोषियों के वकीलों की ओर से फांसी टालने के लिए हर प्रयास किया गया था, हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट उन्होंने हर-तरफ कोशिश की लेकिन कामयाबी नहीं मिली.
गुरुवार की रात से लेकर शुक्रवार सुबह हुई फांसी तक के दौरान क्या-क्या हुआ, यहां समझिए...
1. गुरुवार दोपहर को पटियाला हाउस कोर्ट से डेथ वारंट को खारिज करने की याचिका को रद्द कर दिया गया. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने भी मुकेश सिंह की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद फांसी का रास्ता साफ हुआ.
2. शाम होते-होते निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया. जिसके बाद हाई कोर्ट ने रात को नौ बजे इस मामले पर सुनवाई शुरू की.
3. दिल्ली हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान वकील एपी सिंह की ओर से डेथ वारंट को टालने की अपील की गई, लेकिन अदालत ने कहा कि उनके पास कोई कानूनी दलील नहीं है जिसपर ये फैसला हो सके.
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4. कोर्ट में वकील एपी सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते कई जगह कोर्ट बंद हैं, इसलिए उनकी याचिकाएं नहीं सुनी जा रही हैं. एपी सिंह ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में भी याचिका दायर की थी. लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने इन तथ्यों को डेथ वारंट रोकने के लिए काफी नहीं माना.
5. देर रात को 12 बजे दिल्ली हाई कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया और फांसी के आदेश का पालन करने को कहा. इस फैसले के तुरंत बाद एपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.
6. रात को करीब एक बजे एपी सिंह सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार के घर पहुंचे और उनकी याचिका पर तुरंत सुनवाई की अपील की. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले की कॉपी उन्हें नहीं मिल रही है ताकि सुनवाई होने में देरी हो सके.
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7. रात को करीब ढाई बजे सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस भानुमति की अगुवाई में तीन जजों की बेंच ने इश मामले को सुना. ऐसा तीसरी बार ही हुआ है, जब सुप्रीम कोर्ट किसी मामले को सुनने के लिए आधी रात को बैठी हो.
8. एपी सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट की तरह ही सुप्रीम कोर्ट में कमजोर दलीलें दी. कोरोना वायरस का बहाना बनाकर कई कोर्ट में याचिकाओं के होने का हवाला दिया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन दलीलों को खारिज कर दिया.